जब हम निकले घर के बाहर,
झटपट होके खुब तैयार,
पैर डालके पहनली पीली पतलून,
शिर डालके पहना सफेद शर्ट,
बालों में उंगली डालके करली कंघी,
फिर उपर पहनली टोपी हरी हरी,
घुटने मोडके पहने मोजे नीले,
कमर जुकाके पहने बुट काले,
पेट के नीचे भुरा पटा लगाया मैंने,
गले मे डाली गुलाबी टाई मैंने,
आंखों पे कथ्थई चश्मा ठिक लगाया,
कान मे तब एक आवाज आया,
ले लोले लो लाल गुलाब,
नाक मे सुगंध लाजवाब,
रंग रंग के थे वहां फुल,
मैने चुनलिया केसरिया गुल,
फिर छाती से लगा दिया फुल,
तब उंगली में थोडा चुभ गया शुल,
फुल दिलको खुब भाया,
खुश होकर मे घर लौट आया..।
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