Study Spot
Customized learning paths based on interests
पहली लोकसभा का पहला सत्र
लोकसभा का पहला सत्र
प्रथम लोकसभा का गठन 17 अप्रैल, 1952 को हुआ था। इसकी पहली बैठक 13 मई, 1952 को हुई थी। लोकसभा के गठन के सम्बन्ध में संविधान के दो अनुच्छेद, यथा 81 तथा 331 में प्रावधान किया गया है। मूल संविधान में लोकसभा की सदस्य संख्या 500 निर्धारित की गयी थी, किन्तु बाद में इसमें वृद्धि की गयी। 31वें संविधान संशोधन, 1974 के द्वारा लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 547 निश्चित की गयी। वर्तमान में गोवा, दमन और दीव पुनर्गठन अधिनियम, 1987 द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया है कि लोकसभा अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ m.bharatdiscovery.org
Gurushala | 30 Aug 2021
भारत में 5 सबसे खराब मानव निर्मित आपदाएँ
भारत की सबसे बुरी मानव निर्मित आपदाएं
वर्षों से भारत ने विभिन्न आपदाओं को झेला है। जिसके कारण देश के कई लोगों ने अपनी जिन्दगी खो दीं। जबकि मानव के हाथों में प्रकृति की गतिविधि नहीं है। लेकिन इसके द्वारा लायी गई आपदाओं के प्रभाव को कम करना निश्चित रूप से मानव के हाथ में है। परन्तु सबसे बड़ी चिंता का विषय मानव निर्मित आपदाएं हैं जो मानवीय लापरवाही, उदासीनता, दूरदर्शिता और नियोजन की भारी कमी का परिणाम हैं। जिससे बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की मृत्यु हुई है। अब इन आपदाओं का निवारण होना आवश्यक है।
Gurushala | 30 Aug 2021
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन
भारत की स्वतंत्रता के लिए आंदोलन 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के साथ शुरू हुआ। यह कहना बहुत मुश्किल है कि राष्ट्रीय कांग्रेस जैसे संगठन की स्थापना का विचार कैसे आया। राष्ट्रीय कांग्रेस के जन्म से पहले, कई संगठनों का गठन किया गया था। लेकिन उनमें से ज्यादातर के उद्देश्य सीमित थे और उनका प्रभाव उनके संबंधित क्षेत्रों तक ही सीमित था। अधिक जानकारी यूआरएल पर जाएँ historydiscussion.net
Gurushala | 30 Aug 2021
आगा खान महल का इतिहास
एक अविश्वसनीय इमारत
भारत में मौजूद कई ऐतिहासिक स्मारक हैं जो देश की सांस्कृतिक और सुंदर वास्तुकला को दर्शाता है। ऐसा ही एक स्मारक आगा खान महल, वर्ष 1892 में मुहम्मद शाह आगा खान तृतीय द्वारा निर्मित यह एक अविश्वसनीय इमारत है, जो महाराष्ट्र राज्य के पुणे में स्थित है। यह स्मारक ऐतिहासिक रूप से घटित कई महान क्षण का साक्षी हैं जो भारत की स्वतंत्रता से संबंधित था। इस महल में महात्मा गांधी के साथ उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी, सरोजनी नायडू और महादेव देशाई को बंदी बना कर रखा गया था। अधिक जानकारी यूआरएल पर जाएँ adotrip.com
Gurushala | 30 Aug 2021
होमरूल आन्दोलन
होमरूल लीग आंदोलन
आधुनिक भारत के इतिहास में होम रूल लीग आंदोलन एक महत्वपूर्ण घटना हैं, और इस लीग की स्थापना करने वाले लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट ने भारत के राष्ट्रवाद में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. होम रुल लीग आंदोलन प्रथम विश्व युद्ध के बाद हुआ था, इस आंदोलन की शुरुआत 1916 में बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट ने की थी। अधिक जानकारी यूआरएल पर जाएँ jivaniitihashindi.com
Gurushala | 30 Aug 2021
बंगाल विभाजन का इतिहास
बंगाल का विभाजन
बंगाल विभाजन के निर्णय की घोषणा 19 जुलाई 1905 को भारत के तत्कालीन वाइसराय कर्जन के द्वारा किया गया था। एक मुस्लिम बहुल प्रान्त का सृजन करने के उद्देश्य से ही भारत के बंगाल को दो भागों में बाँट दिये जाने का निर्णय लिया गया था। बंगाल-विभाजन 16 अक्टूबर 1905 से प्रभावी हुआ। इतिहास में इसे बंगभंग के नाम से भी जाना जाता है। अधिक जानकारी के लिए दिए गए यूआरएल पर जाएँ hi.wikipedia.org
Gurushala | 30 Aug 2021
सूरत स्प्लिट
कांग्रेस का सूरत विभाजन
सन 1907 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन सूरत में हुआ जिसमें कांग्रेस गरम दल और नरम दल नामक दो दलों में बंट गयी। इसी को सूरत विभाजन कहते हैं। 1907 के अधिवेशन की अध्यक्षता रास बिहारी घोष ने की थी। अधिक जानकारी यूआरएल पर जाएँ hi.wikipedia.org
Gurushala | 30 Aug 2021
क्या थी ग़दर पार्टी
भारत में गदर आंदोलन
ग़दर पार्टी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ हथियारबंद संघर्ष का ऐलान और भारत की पूरी आज़ादी की मांग करने वाली राजनैतिक पार्टी थी, जो कनाडा और अमरीका में प्रवासी भारतीयों ने 1913 में बनाई थी, इसके संस्थापक अध्यक्ष सरदार सोहन सिंह भाकना थे. पार्टी का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में था। इस पार्टी के पीछे लाला हरदयाल की सोच थी, जिन्हें इंग्लैंड की ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी गतिविधियां चलाने के आरोप में निकाल दिया गया था। इसके बाद वो अमरीका चले गए थे. वहां उन्होंने भारतीय प्रवासियों को जोड़ना शुरू किया और ग़दर पार्टी की स्थापना की। पार्टी के अधिकतर सदस्य पंजाब के पूर्व सैनिक और किसान थे, जो बेहतर ज़िंदगी की तलाश में अमरीका गए थे.
Gurushala | 30 Aug 2021
सबसे अलग आदिवासी समुदाय
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के आदिवासी
जारवा जनजाति, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की 6 आदिवासी जनजातियों में से एक है. जारवा जनजाति का सम्बन्ध नेग्रिटो समुदाय की जनजाति से है. वर्तमान में यह जनजाति मध्य अंडमान के पश्चिमी भाग और दक्षिण अंडमान के इलाके में रहती है. इस जनजाति का अस्तित्व पिछले 55 हजार सालों से बना हुआ है लेकिन अब इस जनजाति के केवल 380 लोग ही बचे हैं। अधिक जानकारी के लिए दिए गए यूआरएल पर जाएँ jagranjosh.com
Gurushala | 05 Aug 2021
क्या समय यात्रा करना संभव है?
भविष्य में समय यात्रा
समय एक ऐसी चीज़ है जिसे हम इंसान अपने हिसाब से काबू नहीं कर सकते हैं,समय के साथ-साथ ब्रह्मांड में हर चीज़ भी बदलती रहती है। समय (time travel in hindi) का चक्र कभी नहीं रुकता और इसके आगे दुनिया की कोई भी चीज़ टिक नहीं सकती है।इसलिए भारतीय शास्त्रो में कहा जाता है की, समय बहुत ही बलवान है, अगर इसको कोई सही से उपयोग करें तो उसका जीवन सफल बन जाता है और इसके दुरुपयोग से जीवन बेकार और बेजान सा हो जाता है।
Gurushala | 05 Aug 2021
समय यात्रा और पौराणिक कथाएँ
धर्म ग्रंथों और समय यात्रा
समय यात्रा यानि Time travel, एक ऐसी स्तिथि है जिसमे हम ब्रह्माण्ड के किसी भी स्थान पर कम से कम समय में यात्रा कर सकते हैं, जिसे करने के लिए हमें प्रकाश की गति से यात्रा करना होगा। इसलिए समय यात्रा एक समय में कुछ बिंदुओं के बीच movement की अवधारणा है, किसी वस्तु या व्यक्ति द्वारा अंतरिक्ष में विभिन्न बिंदुओं के बीच movement के अनुरूप, आमतौर पर एक टाइम मशीन के रूप में ज्ञात काल्पनिक डिवाइस का उपयोग करना। अधिक जानकारी के लिए दिए गए यूआरएल पर जाएँ unrevealedfiles.com
Gurushala | 05 Aug 2021
भारत में राज्यसभा की स्थापना
राज्यसभा क्या है?
राज्य सभा भारतीय लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। लोकसभा निचली प्रतिनिधि सभा है। राज्यसभा में २४५ सदस्य होते हैं। जिनमे १२ सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामांकित होते हैं। इन्हें 'नामित सदस्य' कहा जाता है। अन्य सदस्यों का चुनाव होता है। राज्यसभा में सदस्य ६ साल के लिए चुने जाते हैं, जिनमे एक-तिहाई सदस्य हर २ साल में सेवा-निवृत होते हैं। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ hi.wikipedia.org
Gurushala | 05 Aug 2021
भारत में ट्रेकिंग
ट्रैकिंग और कैंपिंग का मजा
दुर्गम ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी तथा घाटी मार्गों से पैदल यात्रा करने को ट्रेकिंग कहते हैं। ट्रैकिंग के दौरान मनुष्य जुझारु एवं निडर बनता है। मिल कर काम करने से उसमें सहयोग की भावना भी विकसित होती हैं। ट्रैकिंग रास्ते के पेड़-पौधे, जीव-जन्तु एवं नयनाभिराम दृश्य व्यक्ति की सारी थकान हर लेते हैं। व्यक्ति सब कुछ भूलकर अपने आप को प्रकृति की गोंद में विजय पाने के बाद व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ जाता है तथा उसे आत्मसंतोष की अनुभूति होती है।
Gurushala | 09 Jul 2021
अतुल्य भारत: मध्य प्रदेश के किले
मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक किले और उनकी कहानी
भारत के “दिल या हृदयप्रदेश” के रूप में जाना जाने वाले मध्य प्रदेश की भूमि में समृद्ध विरासत, इतिहास और संस्कृतियों का एक अच्छा मिश्रण है जो समय के साथ विलय हो गई है। जब मध्य प्रदेश के प्रमुख किले की बात आती है, तो यह राज्य विभिन्न युगों से कई ऐतिहासिक किलों और महलों का घर रहा है जिनका निर्माण कई सौ साल पहले यहाँ राज करने वाले विभिन्न राजायों ने करवाया था, जो आज भी मजबूती से खड़े हुए है। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध किले में अपने अपने समय की वास्तुकला और ऐतिहासिक झलक देखी जा सकती है जो इन्हें पर्यटन के नजिरये बेहद खास जगह बनाते है।
Gurushala | 09 Jul 2021
सबसे विचित्र आदिवासी समुदाय
मुर्सी जनजाति का इतिहास और परंपरा
दुनिया के कई कोनों में ऐसी आदिवासी प्रजातियां रहती हैं जो आज भी हजारों साल पुरानी परंपरा का पालन करती हैं। ये प्रजातियां जिन जंगलों में रहती हैं उन्हें लेकर इनका पूरा अधिकार होता है और वहां की स्थानीय सरकारें भी इन अधिकारों में दखल नहीं देती हैं। इनमें से कुछ बेहद खतरनाक होती हैं। इन्हीं में से एक है इथियोपिया की खूंखार मुर्सी जनजाति।
Gurushala | 09 Jul 2021
भारतीय पर्व
उल्लास और उमंग से भरे पर्व
भारत त्यौहार और मेलों का देश है। वस्तुत: वर्ष के प्रत्येक दिन उत्सव मनाया जाता है। पूरे विश्व की तुलना में भारत में अधिक त्यौहार मनाए जाते हैं। प्रत्येक त्यौहार अलग अवसर से संबंधित है, कुछ वर्ष की ऋतुओं का, फसल कटाई का, वर्षा ऋतु का अथवा पूर्णिमा का स्वागत करते हैं। दूसरों में धार्मिक अवसर, ईश्वरीय सत्ता/परमात्मा व संतों के जन्म दिन अथवा नए वर्ष की शरूआत के अवसर पर मनाए जाते हैं। इनमें से अधिकांश त्यौहार भारत के अधिकांश भागों में समान रूप से मनाए जाते हैं। अधिक जानने के लिए यूआरएल पर जाएँ knowindia.gov.in
Gurushala | 09 Jul 2021
औषधीय पेड़–पौधे
Gurushala | 09 Jul 2021
जहरीले पौधे
हमेशा रहें इनसे बच कर
हमारे जीवन में पेड़-पौधों का काफी महत्व होता है। ये पेड़-पौधे ही हमें ताजी हवा और एक अलग नई ताजगी देते हैं। वहीं कुछ पेड़-पौधों का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। जो कई तरह की बीमारियों से निपटने में हमारी मदद भी करते हैं। आमतौर पर कहें तो पेड़-पौधों में कई तरह के गुण पाए जाते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि कुछ पेड़-पौधे ऐसे भी हैं जो काफी खतरनाक होते हैं। ये पेड़-पौधे काफी जहरीले होते हैं। और ये किसी की जान भी ले सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ hindi.holidayrider.com
Gurushala | 02 Jul 2021