Study Spot
Customized learning paths based on interests
नाइट्रोजन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह क्लोरोफिल का एक प्रमुख घटक है, वह यौगिक जिसके द्वारा पौधे पानी और कार्बन डाइऑक्साइड (प्रकाश संश्लेषण) से शर्करा उत्पन्न करने के लिए सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करते हैं। यह अमीनो एसिड का एक प्रमुख घटक भी है, जो प्रोटीन का निर्माण खंड है। प्रोटीन के बिना, पौधे मुरझा जाते हैं और मर जाते हैं।
नाइट्रोजन का यौगिकीकरण (Fixation of Nitrogen): वायुमंडलीय नाइट्रोजन से उसके उपयोगी यौगिकों के बनने की क्रिया को नाइट्रोजन का यौगिकीकरण (Fixation of Nitrogen) कहा जाता है। नाइट्रोजन का यौगिकीकरण मुख्यतः दो विधियों द्वारा होता है- (i) प्राकृतिक विधि एवं (ii) कृत्रिम विधि लेग्युमिनस परिवार (Leguminous Family) या दलहनी परिवार के पौधों की जड़ों की गांठों में पाया जाने वाला राइजोबियम (Rhizobieurn) नामक सहजीवी जीवाणु (Symbiotic Bacteria) नाइट्रोजन स्थिरीकरण में भाग लेता है। नाइट्रोजन यौगिकों का नाइट्रोजन में परिवर्तन विनाइट्रीकरण कहलाता है। यह क्रिया कुछ जीवाणुओं द्वारा सम्पादित होता है, जिसे विनाइट्रोकारक जीवाणु (Denitrifying Bacteria) कहते हैं। विनाइट्रीकारक जीवाणु के प्रभाव से नाइट्रोजन युक्त यौगिक सीधे नाइट्रोजन में परिवर्तित होकर वायुमंडल में चले जाते हैं। प्रकृति में नाइट्रोजन के यौगिकों के निर्माण एवं विनाश का एक चक्र चलता रहता है, जिसे नाइट्रोजन चक्र कहते हैं। कृत्रिम विधि द्वारा नाइट्रोजन का यौगिकीकरण या स्थिरीकरण हैबर विधि (Haber’s Process) बर्कलैंड आइड (Birkland Eyde) विधि आदि द्वारा होता है।
Nitrogen is so vital because it is a major component of chlorophyll, the compound by which plants use sunlight energy to produce sugars
Nitrogen is so vital because it is a major component of chlorophyll, the compound by which plants use sunlight energy to produce sugars