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Grow skills with quality courses
शिक्षा सुसंस्कृत बनाने का माध्यम है। यह हमारी संवेदनशीलता और दृष्टि को प्रखर करती है जिससे राष्ट्रीय एकता पनपती है, वैज्ञानिक तरीके के अमल की संभावना बढ़ती है और समझ और चिंतन में स्वतंत्रता आती है। साथ ही शिक्षा हमारे संविधान में प्रतिष्ठित समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के लक्ष्यों की प्राप्ति में अग्रसर होने में हमारी सहायता करती है। शिक्षा की विशिष्टता के आधार पर शिक्षा के वैयक्तिक तथा सामाजिक उद्देश्यों का सर्जन हुआ है। शिक्षा संबंधी सभी उद्देश्य प्राय: इन्हीं दोनों उद्देश्यों में से किसी एक उद्देश्य के पक्ष में बल देते हैं। व्यक्ति के विकास से ही समाज का विकास हुआ तथा दिन-प्रतिदिन हो रहा है अत: शिक्षा को व्यक्तिगत रुचियों, क्षमताओं तथा विशेषताओं का विकास करना