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हल्की बलुई मिट्टी जिसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त होती है।
मूंगफली (Peanuts) की खेती तिलहनी फसलों में एक महत्वपूर्ण फसल है| भूमि का चुनाव- हल्की बलुई मिट्टी जिसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त होती है ।यह भारत के विभिन्न हिस्सों में उगाई जाने वाली मुख्य फसल है| मूंगफली (Peanuts) मानव के आहार का भी एक प्रमुख हिस्सा है, भारत में मूंगफली के उत्पादन का लगभग 75 से 85 प्रतिशत हिस्सा तेल के रूप में इस्तेमाल होता है| जिसका ज्यादातर उपयोग मानव आहार में किया जाता है जिसके फायदे इस प्रकार है, मूंगफली में 30 प्रतिशत प्रोटीन, 21 से 25 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 45 से 50 प्रतिशत वसा, विटामिन, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व मौजूद है, जो मानव शरीर के लिए आवश्यक होते है| मूंगफली की फसल गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडू और कर्नाटक राज्यों में सबसे अधिक उगाई जाती है| अन्य राज्य जैसे- मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और पंजाब में भी यह काफी महत्त्वपूर्ण फसल मानी जाने लगी है| मूंगफली हेतु जलवायु मूंगफली के लिए अर्ध-उष्ण जलवायु अधिक उपयुक्त होती है| सूर्य की अधिक रोशनी और उच्च तापमान इसकी बढ़वार एवं पैदावार के लिए अनुकूल हैं| फसल की अच्छी पैदावार के लिए 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान तथा 500 से 1000 मिलीमीटर वर्षा को उत्तम माना गया है| मूंगफली दिवस निरपेक्ष फसल है| जिसके कारण इसकी खेती वर्ष भर की जा सकती है|
मूंगफली खरीफ मौसम की मुख्य तेलहनी फसल है। मूंगफली की खेती से मृदा की उर्वराशक्ति बढ़ती है। यह वायु तथा वर्षा द्वारा भूमि के कटाव को भी रोकती है। भूमि का चुनाव- हल्की बलुई मिट्टी जिसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त होती है।
हल्की बलुई मिट्टी जिसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त होती है।
मूंगफली खरीफ मौसम की मुख्य तेलहनी फसल है। मूंगफली की खेती से मृदा की उर्वराशक्ति बढ़ती है। यह वायु तथा वर्षा द्वारा भूमि के कटाव को भी रोकती है। भूमि का चुनाव- हल्की बलुई मिट्टी जिसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त होती है।