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लोहागढ़ दुर्ग एक दुर्ग अथवा एक किला है जो भारतीय राज्य राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है। लोहागढ़ किले का निर्माण 18वीं शताब्दी के आरम्भ में जाट शासक महाराजा सूरजमल ने करवाया था। यह किला भरतपुर के जाट शासकों की हिम्मत और शौर्य का प्रतीक है। अपनी सुरक्षा प्रणाली के कारण यह किला लोहागढ़ के नाम से जाना गया।
भरतपुर राष्ट्रीय उद्यान केवलादेव घना के नाम से भी जाना जाता है। केवलादेव ... लोहागढ़ किले का निर्माण 18वीं शताब्दी के आरम्भ में जाट शासक महाराजा सूरजमल ने करवाया था। ... अपनी सुरक्षा प्रणाली के कारण यह किला लोहागढ़ के नाम से जाना गया।
भरतपुर राजस्थान का एक प्रमुख शहर होने के साथ-साथ देश का सबसे प्रसिद्ध पक्षी उद्यान भी है। 29 वर्ग कि॰मी॰ में फैला यह उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। विश्व धरोहर सूची में शामिल यह स्थान प्रवासी पक्षियों का भी बसेरा है। भरतपुर शहर की बात की जाए तो इसकी स्थापना जाट शासक राजा सूरजमल ने की थी और यह अपने समय में जाटों का गढ़ हुआ करता था। यहाँ के मंदिर, महल व किले जाटों के कला कौशल की गवाही देते हैं। राष्ट्रीय उद्यान के अलावा भी देखने के लिए यहाँ अनेक जगह हैं इसका नामकरण राम के भाई भरत के नाम पर किया गया है। लक्ष्मण इस राज परिवार के कुलदेव माने गये हैं। इसके पूर्व यह जगह सोगडिया जाट सरदार रुस्तम के अधिकार में था जिसको महाराजा सूरजमल ने जीता और 1733 में भरतपुर नगर की नींव डाली अपनी सुरक्षा प्रणाली के कारण यह किला लोहागढ़ के नाम से जाना गया और इसी लिए भरतपूर को लोहागढ़ के नाम से भी जाना जाता है |
सन 1730 लोहागढ़ किले का निर्माण महाराजा सूरज मल द्वारा किया गया था।2. लोहागढ़ किले का इतिहास – History Of Lohagarh Fort Bharatpur In Hindi लोहागढ़ किला राजस्थान के शहर भरतपुर शहर के केंद्र में एक कृत्रिम द्वीप पर स्थित है जो पूरे शहर में आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस किले के आकर्षण और भव्यता की वजह से भारी संख्या में पर्यटक इस किले को देखने के लिए आते हैं। लोहागढ़ किले का निर्माण वर्ष 1732 में राजा सूरज मल ने शुरू किया था जिसको बनाने में करीब 60 साल का समय लग गया था। साल 1805 में लॉर्ड लेक की अगुवाई में ब्रिटिश सेनाओं ने बार-बार आक्रमण किया था और इसको सेना ने छह हफ्तों के लिए घेराबंदी कर रखा था। इस किले ने चार बार ब्रिटिश आक्रमण का सामना किया था, लेकिन इसके बाद उन्हें वापस जाना पड़ा था। लोहागढ़ किले पर 1805 में 9 और 21 जनवरी और 20 और 21 फरवरी को हमले किये गए थे जिसमें लगभग 3203 अधिकारी और पुरुष मारे गए थे जो ब्रिटिश सेना के अधीन थे। Mene ek link bhi share kiya hua hai aap ispe jaa k or jankari lee skte hai
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