Study Spot
Customized learning paths based on interests
प्राचीन काल भारत की प्राचीन शिक्षा आध्यात्मिमकता पर आधारित थी। शिक्षा, मुक्ति एवं आत्मबोध के साधन के रूप में थी। यह व्यक्ति के लिये नहीं बल्कि धर्म के लिये थी।
(1) चरित्र निर्माण – भारत की प्राचीन शिक्षा का 1 उद्देश्य था – बालक के नैतिक चरित्र का निर्माण करना। ... (2) व्यक्तित्व का विकास- बालक के व्यक्तित्व को पूर्णरूपेण विकसित करना प्राचीन शिक्षा का 2 उद्देश्य था। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए बालक को आत्म-सम्मान की भावना को विकसित करना परम आवश्यक समझा जाता था।