Gurushala
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Posted 5 year ago
? QUESTION OF THE DAY ?

Are there any forms of assessment that can replace traditional examination?

क्या मूल्यांकन के कोई रूप हैं जो पारंपरिक परीक्षा का स्थान ले सकते हैं?
24 Answer(s)
Sanjay Sharma
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Posted 5 year ago Sanjay Sharma संजय शर्मा , M.S.Mundri, Ratlam

प्राइमरी और मिडिल क्लास के बच्चो के लिए ट्रेडिशनल पैटर्न ही उचित होता है । पर हायर क्लासेस , कॉलेज के बच्चो की ऑनलाइन मोड में भी परीक्षा करवाई जा सकती है ,जिससे समय , धन और श्रम की भी बचत हो सकती है ।

Himanshu Sharma
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Posted 5 year ago Himanshu Sharma Not apllied

विद्यार्थियों को परीक्षाएँ चिंताजनक और तनावपूर्ण लगती हैं। इसके कारण उनका प्रदर्शन उनकी क्षमता से कम हो सकता है। टेस्ट और परीक्षाएँ अक्सर सीखने की अवधि के अंत में ली जाती हैं और आमतौर पर इनके लिए फीडबैक नहीं दिया जाता। इसका अर्थ यह है कि उनके परिणामों पर समयोचित व सतत् तरीके से कार्यवाही नहीं की जा सकती। टेस्ट और परीक्षाएँ भाषा सीखने के पहलुओं का आकलन करती हैं, जैसे बोध, व्याकरण और शब्दावली, लेकिन इनमें सुनने या बोलने का आकलन नहीं होता। आमतौर पर अध्यापक अपने पाठों के दौरान इतने ज्यादा व्यस्त होते हैं कि वे उसके साथ-साथ अपने विद्यार्थियों की निगरानी के लिए समय नहीं दे सकते। विद्यार्थी अक्सर उनके कार्य के बारे में दिए जाने वाले फीडबैक को अनदेखा कर देते हैं। उनकी रुचि केवल उनके कुल ग्रेड में होती है। आकलन के रिकॉर्ड रखना समय लेने वाला काम हो सकता है। इसके अलावा, रिकॉर्ड हमेशा ही विद्यार्थी की क्षमताओं का वास्तविक चित्र प्रस्तुत नहीं करते।

RAJINDER MALIK
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Posted 5 year ago RAJINDER MALIK

Mulyankan ke liye Chhote bacchon Mein activity ka Madhyam sabse Achcha hota hai Kyunki Iske dwara Ham bacchon Mein ki jaanch padtal kar sakte hain ki bacchon ke bacchon ko jo Humne pada hai vah bacchon Ne Kitna Sikha hai aur Kitna Unka mulyankan Kiya Hai

Sharda parab gaonkar
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Posted 5 year ago Sharda parab gaonkar

Open book assessment can be replaced traditional examination,but in the beginning it should applied for middle schoo & high school level .it is not possible online but it will work better in school.it can applied for all subject.Students should inform first & tell them to prepare the content & ask questions which makes them think,use their brain,creative ideas which results in their overall development.

Renuka Kumari
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Posted 5 year ago Renuka Kumari

पारंपरिक परीक्षा का स्थान मूल्यांकन का दूसरा रूप ले सकता है परीक्षा से छात्रों में डर बैठा रहता है ज्यादातर जो परीक्षा होती है वह पुस्तक के नॉलेज में होती है बच्चों में वास्तविक ज्ञान किया है उन्होंने उस ज्ञान को किस रूप में समझा है वह परीक्षा में नहीं बता पाते हैं इसीलिए अगर मूल्यांकन में प्रोजेक्ट देश या कोई दूसरे बच्चों के साथ उसके वास्तविक धरातल का ज्ञान होता है,वास्तव में छात्र के सर्वांगीण विकास के लिए यह जरूरी है कि उसकी परंपरिक परीक्षाओं से हटकर उसको कौशल और प्रोजेक्ट पर और कई अलग-अलग रूपों में उनकी परीक्षा है उनके ज्ञान को प्रदर्शित किया जाए और उस रूप में उनका मूल्यांकन हो ताकि उनका सर्वांगीण रूप से मूल्यांकन करके उनको आगे क्या कमियां हैं उनका सुधार किया जा सके

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