Study Spot
Customized learning paths based on interests
प्राइमरी और मिडिल क्लास के बच्चो के लिए ट्रेडिशनल पैटर्न ही उचित होता है । पर हायर क्लासेस , कॉलेज के बच्चो की ऑनलाइन मोड में भी परीक्षा करवाई जा सकती है ,जिससे समय , धन और श्रम की भी बचत हो सकती है ।
विद्यार्थियों को परीक्षाएँ चिंताजनक और तनावपूर्ण लगती हैं। इसके कारण उनका प्रदर्शन उनकी क्षमता से कम हो सकता है। टेस्ट और परीक्षाएँ अक्सर सीखने की अवधि के अंत में ली जाती हैं और आमतौर पर इनके लिए फीडबैक नहीं दिया जाता। इसका अर्थ यह है कि उनके परिणामों पर समयोचित व सतत् तरीके से कार्यवाही नहीं की जा सकती। टेस्ट और परीक्षाएँ भाषा सीखने के पहलुओं का आकलन करती हैं, जैसे बोध, व्याकरण और शब्दावली, लेकिन इनमें सुनने या बोलने का आकलन नहीं होता। आमतौर पर अध्यापक अपने पाठों के दौरान इतने ज्यादा व्यस्त होते हैं कि वे उसके साथ-साथ अपने विद्यार्थियों की निगरानी के लिए समय नहीं दे सकते। विद्यार्थी अक्सर उनके कार्य के बारे में दिए जाने वाले फीडबैक को अनदेखा कर देते हैं। उनकी रुचि केवल उनके कुल ग्रेड में होती है। आकलन के रिकॉर्ड रखना समय लेने वाला काम हो सकता है। इसके अलावा, रिकॉर्ड हमेशा ही विद्यार्थी की क्षमताओं का वास्तविक चित्र प्रस्तुत नहीं करते।
project based leaning, pre and post tests, survey, questionnaire ,interviews etc.
प्रारंभिक शिक्षा में मुझे नहीं लगता है कि मूल्यांकन के अलावा कोई दूसरी विधि भी सकारात्मक हो सकती हैं क्योंकि कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों का मानसिक स्तर से भले वह परिपक्व हो सकता है लेकिन शारीरिक स्तर से वह कोई हार्ड प्रैक्टिकल जैसे खेती वह बागवानी में
27 Nov 2020Mulyankan ke liye Chhote bacchon Mein activity ka Madhyam sabse Achcha hota hai Kyunki Iske dwara Ham bacchon Mein ki jaanch padtal kar sakte hain ki bacchon ke bacchon ko jo Humne pada hai vah bacchon Ne Kitna Sikha hai aur Kitna Unka mulyankan Kiya Hai