Courses
Grow skills with quality courses
हाल ही के दशकों में भारत धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सोपान पर ऊपर चढ़ता जा रहा है और इसके कारण विश्व की एक प्रमुख महाशक्ति के रूप में इसका वैश्विक प्रभाव भी नज़र आने लगा है. पिछले चार दशकों में चीन एक जबर्दस्त ताकत के रूप में उभरकर सामने आया है और इसके साथ-साथ भारत ने भी काफ़ी ऊँचाइयाँ हासिल कर ली हैं. इसके कारण विश्व की आर्थिक शक्ति का केंद्र यूरोप और उत्तर अमरीका से हटकर एशिया की ओर स्थानांतरित होने लगा है. साथ ही साथ एशिया की इन दोनों महाशक्तियों के उभरने के कारण सच्चे अर्थों में एशिया-शताब्दी की शुरुआत होने लगी है. इस शताब्दी में एशिया की ये महाशक्तियाँ न केवल अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों की रूपरेखा का निर्धारण और निर्देशन करेंगी, बल्कि अंततः उसे परिभाषित भी करेंगी.