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योजना का शीर्षक - माध्यमिक स्तर पर, माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच को समझने तथा रेखाचित्र के निर्माण में आ रही समस्या व समाधान।

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शोध योजना का शीर्षक - माध्यमिक स्तर पर, माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच को समझने तथा रेखाचित्र के निर्माण में आ रही समस्या व समाधान। 1. योजना की पृष्ठभूमि - माध्यमिक स्तर पर अर्थशास्त्र विषय को पढ़ाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि विद्यार्थियों के व्यवहार में सकरात्मक परिवर्तन लाने के साथ-साथ उनकी मानसिक और बौद्धिक क्षमताओं का विकास करना है। व्यवाहरिक जीवन में मृद्रा, व्यापार, बैंको, बाजार आदि की जानकारी होने पर जीविकोपार्जन करने में कठिनाई का अनुभव न हो। परंपरागत शिक्षण पद्धति के कारण अर्थशास्त्र विषय विद्यार्थियों के लिए एक कठिन विषय बन गया है। गणितिय समिकरण तथा रेखाचित्रों के निर्माण के प्रति विद्यार्थियों में विषय के प्रति अरूचि देखी गई है। खासकार बालिकाओं में अर्थशास्त्र विषय के प्रति उदासीनता जादा रहती है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में परंपरागत शिक्षण पद्धति माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों की आवश्यकताओं व आकांशाओं के अनुरूप नहीं है। राजकीय इण्टर कालेज भेल हरिद्वार में कक्षा 12 के विद्यार्थियों के साथ वार्तालाप तथा पूर्व ज्ञान के अधार पर पता चला की माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच की अवधारणा तथा रेखाचित्रों के निर्माण आदि की स्पष्ट जानकारी नहीं है। कक्षा - 12 में अध्ययनरत विद्यार्थियों को माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच को समझने तथा रेखाचित्र को बनाने से अवगत होना अति आवश्यक है। सभी विद्यार्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वह माँग से संबन्धित सभी प्रकार समस्या तथा रेखाचित्र आदि के निर्माण में दक्षता प्राप्त कर सके। 2. शोध अध्ययन की आवश्यक्ता - शिक्षा मानव विकास का मूल साधन है। इसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास उसके ज्ञान एवं कला कौशल में वृद्धि एवं व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है और उसे सभ्य सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाया जाता है। आज किसी भी राष्ट्र की प्रगति की आधारशिला वहीँ उपलब्ध शिक्षा के स्तर पर निर्भर करता है। अर्थशास्त्र एक ऐसा विषय है जो हमारे जीवन में प्रारम्भ से अन्त तक के जीवन के हर क्षेत्र को स्पर्श करता है परन्तु प्रायः ऐसा देखा जाता है कि छात्र एवं छात्रायें माध्यमिक स्तर पर अर्थशास्त्र में किइनाईयों का अनुभव करने लगते है जबकि अर्थशास्त्र को पाठयवस्तु की सरलता की द्ष्टि से यदि अवलोकन किया जाये तो यह सबसे सरल है। छात्रों को स्वावलम्बी बनाकर स्वाभिमान के साथ समाज की मुख्य धारा से जोड़ना एवं राष्ट्र की उन्नति में उनका सहभाग बढ़ाना है। अर्थशास्त्र विषय में गणितीय सकल्पानाएँ तथा रेखचित्र होने के कारण विद्यार्थियों को इसे समझने में कठिनाइयाँ आती है। अतः उन्होनें कामजोर छात्रों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखते हुए ऐसी शैक्षणिक गतिविधि को अपनाया जिससे प्रत्यके छात्र/छात्राओं को सरलता तथा रूचिपूर्ण तरीके से संबोंध की दक्षता प्राप्त हो सके। विगत माह संपन्न हुई मासिक तथा अद्धवार्षिक परीक्षा में कक्षा 12 के विद्यार्थियों की अर्थशास्त्र विषय की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के उपरान्त ज्ञात हुआ की विद्यार्थियों को माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच की अवधारण को ठीक से समझ नहीं सके और रेखचित्रों के निर्माण में बड़ी गलती करते है। इस समस्या के समाधान को गतिविधि तथा प्रदर्शन आधारित शिक्षण विधि के माध्यम से शोध किया जा रहा है। यह शोध विद्यार्थियों में शैक्षिक अभिवृद्धि करने एवं उनकी कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। विद्यार्थियों में अर्थशास्त्र के प्रति रूचि बढ़ेगी, जिसका लाभ विद्यार्थी, शिक्षक और विद्यालय सभी को प्राप्त हो सकेगा। 3. शोध के उद्देश्य - आज माध्यमिक स्तर पर कला वर्ग में अर्थशास्त्र विषय को सबसे कठिन माना जाता है जबकि यह एक ऐसा विषय है जिसमें छात्र किसी भी क्षेत्र की आर्थिक समस्या का समाधान खोज सकते है। प्रस्तुत शोध समस्या से सम्बन्धित निम्नलिखित उद्देश्य निश्चित किये गये है -  विद्यार्थियों में अर्थशास्त्र विषय के प्रति रूचि में वृद्धि हो सकेगी।  विद्यार्थियों में माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच की अवधारणा स्पष्ट हो सकेगी।  विद्यार्थियों में माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच में बनने वाले रेखाचित्रों को बनाने में दक्ष हो सकेगें।  विद्यार्थी माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच से सम्बन्धि प्रश्नों को हल करने में दक्ष हो सकेगें।  विद्यार्थी अपने दैनिक जीवन में माँग तथा कीमत लोच के अनुप्रयोग सीख सकेगें।  विधार्थियों में समस्या समाधान, चिन्तन व सृजनात्मकता सोच विकसित करना तथा शैक्षिक अभिवृद्धि में सुधार हो सकेगा।  विद्यार्थियों में सामाजिकता, सहभागिता व अनुप्रयोगात्मक योग्यता, कल्पना व मौलिक लेखन में वृद्धि के साथ शैक्षिक उपलब्धि स्तर में वृद्धि हो सकेगी। 4. विद्यालय के लिए योजना का महत्व - विद्यालय शिक्षा के माध्यमिक स्तर पर अर्थशास्त्र एक महत्वपूर्ण विषय है। अर्थशास्त्र विषय के अर्न्तगत माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच की अवधारणा सभी विद्यार्थियों को स्पष्ट होना अति आवश्यक है। प्रस्तुत शोध से सभी विद्याथियों को माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच की अवधारणा को आत्मसात करते हुए अपनी शैक्षिक सम्प्राप्ति में वृद्धि करेगें, जिससे विद्यालय के शैक्षिक स्तर तथा परीक्षाफल में आपेक्षित सुधार होगा। 5. समस्या का क्षेत्र - माध्यमिक स्तर पर अर्थशास्त्र से संबंधित। 6. समस्या का विशिष्ट रूप - राजकीय इण्टर कालेज भेल, विकासखण्ड - बहादरबाद, जनपद हरिद्वार से कक्षा 12 में अध्ययनरत 30 विद्यार्थियों (बालक-12, बालिका-18) में से माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच की अवधारणा और रेखाचित्र के निर्माण की जानकारी न होने की समस्या का अध्ययन करना एवं उसमें सुधार करना है। 7. शोध उपकरण - पस्तुत शोध के लिए शोधकर्ता ने निम्नलिखित शोध उपकरणों का प्रयोग किया है। 1. पूर्व परीक्षण मापन - शोध अध्ययन के संचालन से पहले विद्यार्थियों की अर्थशास्त्र विषय पर शैक्षिक उपलब्धि स्तर जाँचने के लिए परीक्षण प्रश्न पत्र का स्वयं निर्माण किया गया। जिसमें माँग का नियम तथा माँग की कीमत लोच की अवधारणा से संबन्धित विभिन्न प्रकार के प्रश्न (बहुविकल्प, अति लधु, लधु तथा विस्तृत उŸारीय, रिक्त स्थान और रेखाचित्र का निर्माण) सम्मिलित किए गये। प्रश्नों को बोधात्मक, ज्ञानात्मक व अनुप्रयोगत्मक तीन वर्गो में विभाजित किया गया। 2. शोध शिक्षण करने के पश्चात अर्थशास्त्र विषय पर शिक्षण अधिगम उपलब्धि स्तर में वृद्धि के परीक्षण के लिए पुनः पश्चपोषण परीक्षण प्रश्न पत्र निधार्रित मानक के आधार पर शोधकर्ता द्वारा स्वयं निर्मित किय गया।

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